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विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶à¥‹à¤‚ की वेशà¤à¥‚षा में सà¥à¤¸à¤œà¥à¤œà¤¿à¤¤, हाथों में रंग-बिरंगे बैनर व विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के पà¥à¤°à¤¾à¤‚गण को अपने सà¥à¤µà¤° से गà¥à¤‚जार करते हà¥à¤ ककà¥à¤·à¤¾ पहली से दसवीं तक के छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ ने 14 सितंबर के दिन हिंदी के पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°- पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° के लिठबहà¥à¤¤ जोश से पूरे विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में à¤à¤• रैली निकाली। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ की पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯à¤¾ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ रेवती शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤¿à¤µà¤¾à¤¸à¤¨ व अनà¥à¤¯ शिकà¥à¤·à¤•ों, करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को बैज पहनाकर अपना सहà¤à¤¾à¤—ी बनाया। इसके उपरांत छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ ने विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के मलà¥à¤¹à¤¾à¤° हॉल में सामूहिक रूप से हिंदी दिवस के अवसर पर à¤à¤• विशेष कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया।
कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का आरंठपà¥à¤°à¤¥à¤® व दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ ककà¥à¤·à¤¾ के विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के कालà¥à¤ªà¤¨à¤¿à¤• संसार से हà¥à¤† जहां उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बड़े मजे से हाथी को गिनती सिखाई। इसके बाद तीसरी व चौथी ककà¥à¤·à¤¾ के विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने हिंदी à¤à¤¾à¤·à¤¾ के महतà¥à¤µ को दरà¥à¤¶à¤¾à¤¤à¥‡ हà¥à¤ à¤à¤• लघॠनाटिका पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ की,जिसमें बताया गया कि मधà¥à¤°, मीठी और सब के साथ घà¥à¤²- मिल जाने के कारण हिंदी à¤à¤¾à¤·à¤¾ à¤à¤¾à¤°à¤¤ मां को अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤¿à¤¯ है। à¤à¤¾à¤µ और à¤à¤¾à¤·à¤¾ पर बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की गहरी पकड़ की सà¤à¥€ ने सराहना की। पहली और तीसरी ककà¥à¤·à¤¾ के बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ ने कविताओं का à¤à¥€ ससà¥à¤µà¤° मधà¥à¤° पाठकिया।
जूनियर सेकà¥à¤¶à¤¨ के बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ ने रामधारी सिंह दिनकर की पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ कृति रशà¥à¤®à¤¿à¤°à¤¥à¥€ के तृतीय सरà¥à¤— 'कृषà¥à¤£ की चेतावनी' को अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• सà¥à¤‚दर ढंग से पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया। कावà¥à¤¯-पाठव अà¤à¤¿à¤¨à¤¯ करने वाले बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की à¤à¤¾à¤µ और à¤à¤¾à¤·à¤¾ दोनों के बीच के तालमेल की जितनी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¶à¤‚सा की जाठवह कम है।
कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का समापन ककà¥à¤·à¤¾ दसवीं के बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ साहितà¥à¤¯à¤¿à¤• अंतà¥à¤¯à¤¾à¤•à¥à¤·à¤°à¥€ से हà¥à¤†à¥¤ अंतà¥à¤¯à¤¾à¤•à¥à¤·à¤°à¥€ के लिठबचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को रजनीगंधा, अमलतास, सदाबहार और हरसिंगार इन चार नाम से अलग-अलग वरà¥à¤—ों में विà¤à¤¾à¤œà¤¿à¤¤ किया गया जिसमें हर वरà¥à¤— में तीन-तीन बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ ने पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤—ी के रूप में à¤à¤¾à¤— लिया। पहले चकà¥à¤° में बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ ने वरà¥à¤£ की आवृतà¥à¤¤à¤¿ के आधार पर दूसरे चकà¥à¤° में à¤à¤¾à¤µ के आधार पर और तीसरे चकà¥à¤° में कवियों के आधार पर दोहे, शà¥à¤²à¥‹à¤• व कविताà¤à¤‚ बोलीं। चारों टीमों के मधà¥à¤¯ सà¥à¤ªà¤°à¥à¤§à¤¾ देखते ही बनती थी। सà¤à¥€ à¤à¤• दूसरे से आगे- निकलने की होड़ में दिखाई दे रहे थे। सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤—ियों ने पूरे जोश व उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ से इसमें à¤à¤¾à¤— लिया। अंतà¥à¤¯à¤¾à¤•à¥à¤·à¤°à¥€ का संचालन अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• कà¥à¤¶à¤²à¤¤à¤¾ के साथ किया गया जिसने शà¥à¤°à¥‚ से आखिरी तक दरà¥à¤¶à¤•ों को बांधकर रखा। जूनियर सेकà¥à¤¶à¤¨ के विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ ने सà¤à¥€ लोगों का आà¤à¤¾à¤° वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किया।